Exceptionally Therapeutic Qualities of Giloy (गिलोय के अमृतमय गुण)
आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल में अनेक प्रकार के गुण पाए जाते हैं और इन्ही गुणों के कारण स्वाइन फ्लू की बीमारी के समय लोगों को इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का पता चला और इसके फायदे प्राप्त किये ।इसका दूसरा नाम गुडुची भी कहा गया है ।अमृत के समान गुण होने के कारण इसको आयुर्वेद में अमृता के नाम से जाना गया । गिलोय बेल के पत्तों का उपयोग ५००० हजार सालों से बहुत सारी बीमारियों के लिए होता आ रहा है। इसके पत्तों में हानिकारक संक्रमण को रोकने वाले गुण पाए जाते है जो अनेकों बीमारियों में हमारी रक्षा करते हैं। इसकी तासीर गर्म तथा यह स्वाद में कड़वी होती है।इसका सेवन शरीर को थकान महसूस नहीं होने देता ।गिलोय की बेल के पत्तों में भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस पाए जाते हैं। गिलोय कफ, वात और पित्त की समस्याओं को नष्ट करने वाली होती है । गिलोय के अंदर त्वचा रोगों को रोकने वाले, मलेरिया को रोकने वाले, शुगर को रोकने वाले, तनाव को रोकने वाले, अस्थमा के अटैक को रोकने वाले , गठिया को रोकने वाले तथा ऐसी बहुत सारी बीमारियाँ रोकने वाले औषधिय गुण गिलोय में पाए जाते हैं ।
पिण्डामृता बहुच्छिन्ना सा चोक्ता कन्दरोहिणी ।
गुडूची स्वरसे तिक्ता कषायोष्णा गुरुस्तथा।
त्रिदोषजन्तुरक्तार्शःकुष्ठज्वरहरा परा ॥ ५॥
गुडूच्यायुष्प्रदा मेध्या तिक्ता संग्राहिणी बला ।
ज्वरतृट्पाण्डुवातासृकछर्दिमेहत्रिदोषजित् ॥ ६ ॥
गुडूची कफवातनी पित्तमेदोविशोषिणी ।
रक्तवातप्रशमनी कण्डु विसर्पनाशिनी ॥ ७॥
व्याख्या– यह श्लोक आयुर्वेद के ग्रन्थ धन्वन्तरि निघण्टु से लिया गया है इस श्लोक में गिलोय के गुणों के बारे में बताया गया है ।इस श्लोक में कहा गया है कि गिलोय कड़वा, कसैला, गर्म, भारी, वात पित्त और कफ को शांत करता है ।पेट के कीड़ों को खत्म करता है रक्त संचार को दुरुस्त रखता है बवासीर में लाभदायक है कुष्ठ रोग और बुखार में उपयोगी है इसके अलावा प्यास का इलाज, रक्त की कमी,गठिया रोग में, उल्टी की समस्या, और बहुत अधिक मात्रा में मूत्र आना।यह वात और पित्त के लिए बहुत महत्वपूर्ण है दुर्बलता दूर करने में मदद करता है और खुजली और त्वचा के रोगों का इलाज करता है ।
संदर्भ- धन्वन्तरि निघण्टु|
आइये जानते हैं इसके गुणों के बारे में
1. कान के रोगों में लाभकारी
अगर आपको कान में किसी भी प्रकार की समस्या है जैसे कि कान में खुजली होना, कान में दर्द का आभास होना या फिर कान से तरल पदार्थ का बहना इन सभी के लिए यह जड़ी बूटी बहुत ज्यादा फायदेमंद है।गिलोय के पत्तों से रस निकाल कर उसे हल्का गर्म करके कान के अंदर डालने से कान की हर समस्या से छुटकारा मिल सकता है और ये रस कान की मैल को भी निकाल देता है ।इसलिए कान की किसी भी समस्या में गिलोय के पत्तों का उपयोग करना चाहिए ।
2. पाचन तंत्र के लिए उपयोगी
शरीर के स्वस्थ रहने के लिए पाचन प्रणाली का सही रहना बहुत ज्यादा जरूरी है अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है तो आपका शरीर भी ठीक नहीं रह सकता है वह अंदर ही अंदर बहुत सी बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने में गिलोय की बेल महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।अगर आपके पेट में गैस बनती है या फिर किसी भी प्रकार का दर्द रहता है तो इसके लिए आपको गिलोय के पत्तों से रस निकालकर उसको छाछ में डालकर उसका सेवन करने से आपकी पाचन प्रणाली ठीक रहती है और आपको पाचन खराब होने की समस्या नहीं होती ।अगर आप इसका नियमित सेवन करते हैं तो बवासीर जैसी पीड़ादायक बीमारी को भी खत्म कर सकते हैं ।
3. रक्त को बढ़ाने में सहायक
गिलोय अपनी गर्म तासीर से और कड़वेपन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ता है और अपने इन्ही गुणों के कारण हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर के अंदर नहीं आने देता ।गिलोय शरीर में रक्त को ना कम होने देता है और ना ज्यादा होने देता है वह उस मात्रा को सामान्य बना के रखता है ।अगर आपको लगने लगे की शरीर में रक्त की मात्रा कम हो गयी है तो इसके लिए आपको गिलोय के पत्तों का रस निकाल कर उसको सुबह -शाम मधु या देसी गाय के घी के साथ मिश्रण करके लेना चाहिए इससे से आपके शरीर में कभी भी रक्त की कमी नहीं हो सकती है ।
4. बुखार में है बहुत उपयोगी
गिलोय की बेल अपने औषधीय गुणों के कारण रोगनाशक जड़ी बूटी कही जाती है। बुखार जैसी स्थिति बनने पर आपको गिलोय के पत्तों के रस में मधु मिश्रण करके सुबह और शाम लेने से आपको बुखार में जल्दी आराम मिलेगा ।अगर गिलोय के रस के अंदर पीपल की छाल का चूर्ण मिश्रण करके सेवन किया जाए तो बहुत पुराना बुखार और सूखी खांसी में बहुत आराम मिलता पीलिया जैसे बुखार में ये औषधि बहुत लाभकारी साबित हो सकती है ।
5. आखों को रखे रोगों से दूर
गिलोय का रस आखों को रोगों से मुक्त रखता है इसका सेवन करने के लिए आपको गिलोय के पत्तों का रस और आंवले का रस दोनों को समान मात्रा में लेकर उनको अच्छे से मिला लेने पर जो रस तैयार होता है उसका रोजाना सेवन करना चाहिए यह आपकी आखों को रोगों से सुरक्षित रखता है।अगर आप गिलोय के रस में पीपल की छाल का चूर्ण और उसके अंदर मधु डालकर मिश्रण तैयार कर ले और इस मिश्रण को सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने लगें तो ऐसा करने से आपकी आँखों की रोशनी तो बढ़ेगी ही साथ में आँखें रोगों से सुरक्षित रहती हैं ।
6. शुगर को रखे संतुलित
एक अध्यन्न के अनुसार बताया गया है कि गिलोय की बेल के अंदर ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो शुगर को बढ़ने नहीं देते ।शुगर के मरीजों को गिलोय के रस का सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है ।इसके उपयोग करने का तरीका बहुत आसान है इसके लिए आपको गिलोय के पत्तों से रस निकाल कर सुबह सुबह २ चम्मच बिना कुछ खाए पीये इस रस का सेवन करना है ।दूसरी तरह से भी आप इसका सेवन कर सकते हैं इसके लिए २ चम्मच गिलोय का रस एक गिलास पानी में डालकर पी लेने से बहुत फायदा मिलता है|
7. मोटापे को करे कुछ ही दिन में खत्म
अगर आपको मोटापा बहुत ज्यादा तकलीफ दे रहा है तो इसके समाधान के लिए आपको गिलोय का उपयोग करना चाहिए । इसका उपयोग करने का तरीका बहुत सरल है इसमें आप सबसे पहले गिलोय का रस एक चम्मच निकाल ले और उसके अंदर एक चम्मच मधु मिलाकर इस प्रयोग को सुबह खाली पेट सेवन करने से आपका मोटापा कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा।
8. गठिया को करे जड़ से खत्म
गठिया की बीमारी बहुत ज्यादा पीड़ादायी है । इसमें शरीर के जोड़ों में दर्द रहता है और वो दर्द असहनीय होता है।इस दर्द को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है गिलोय का सेवन करना । इसके लिए आप गिलोय की जड़ों को धूप में सुखा कर उसको अच्छे से पीस लें और उस चूर्ण को देसी गाय के दूध के साथ सुबह-सुबह खली पेट सेवन करना आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकता है ।
इनके आलावा भी बहुत सारी बीमारियाँ हैं जिनके लिए गिलोय बहुत अच्छी औषधि मानी गयी है जैसे तनाव में फायदेमंद ,त्वचा रोगों के लिए, सूजन को कम करे, हृदय को मजबूत बनाए, पीलिया आदि इन सभी बीमारियों में भी गिलोय बहुत लाभकारी मानी गयी है ।

Dr. Vikram Chauhan

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