कब्ज का घरेलू उपचार
आयुर्वेद के अनुसार आज के समाज में लोगों की खराब दिनचर्या और गलत खान पान की वजह से उनकी पाचन क्रिया बहुत जल्दी खराब हो जाती है जिसकी वजह से उनको कब्ज जैसी हानिकारक समस्या का सामना करना पड़ता है और आज यह समस्या सामान्य सी हो गयी है ।सही समय पर भोजन न करना और खराब आदतों ने व्यक्ति को इस समस्या का आदि बना दिया है ।अगर आप भोजन करने के बाद बैठे रहते हैं या फिर एकदम से सो जाते हैं तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है ।इसलिए अगर व्यक्ति बाहर का खाना ,जंक़ फ़ूड और तला हुआ खाना छोड़ दे और हरी सब्जियों ,ताजे फल और अपनी दिनचर्या में कुछ परिवर्तन कर ले तो इस गंभीर समस्या को दूर किया जा सकता है ।आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सबसे ज्यादा बीमारियां कब्ज की वजह से आती हैं और कब्ज की समस्या पाचन शक्ति खराब होने की वजह से होती है ।इसलिए अपनी पाचन शक्ति को ठीक रखने और कब्ज जैसी समस्या को दूर रखने के लिए आपको भोजन के ऊपर आवश्यक ध्यान देना चाहिए ।आज इस लेख में हम कब्ज की समस्या की दूर करने वाले कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें ।
आइये जानते हैं कब्ज दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में
1.निम्बू पानी के साथ सेंधा नमक उत्तम उपाय:
अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं जिसकी वजह से आपको पेट में दर्द और गैस जैसी दूसरी समस्याएं हो गयी हैं तो आपको इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट १ गिलास निम्बू पानी के अंदर छोटा आधा चम्मच सेंधा नमक का मिश्रण करके रोजाना सेवन करने से पेट अच्छे से साफ हो जाता है और आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती हैं जिससे आप कब्ज की समस्या से सुरक्षित रहते हैं ।
2.मधु का सेवन फायदेमंद :
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार मधु का सेवन कब्ज को दूर करने में फायदेमंद साबित होता है ।अगर कब्ज की समस्या से परेशान व्यक्ति रात को सोने से पहले १ चम्मच मधु को १ गिलास गुनगुने पानी में डालकर रोजाना सेवन करता है तो उसकी कब्ज की परेशानी जल्दी दूर हो जाती है ।यह प्रयोग पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखने में सहायक साबित होता है ।
3.हरड़ का उपयोग उत्तम औषधि :
आयुर्वेद में हरड़ को कब्ज दूर करने की रामबाण औषधि माना जाता है।प्राचीन काल से ही हरड़ का इस्तेमाल इस समस्या को दूर करने के लिए होता रहा है ।कब्ज से परेशान व्यक्ति अगर सुबह खाली पेट आधा चम्मच हरड़ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ रोजाना सेवन करता है तो उसकी कब्ज की परेशानी बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।यह प्रयोग पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने के साथ -साथ शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है ।
व्याख्या -इस श्लोक में कहा गया है कि हरीतकी प्यास ,त्वचा की सूजन,जबड़े के अकड़ जाने ,गला रोगों को दूर करने ,तेज बुखार को दूर करने ,कुपोषण को दूर करने और गर्भावस्था के लिए लाभकारी मानी गयी है ।
संदर्भ- धन्वंतरि निघण्टु ,श्लोक -२०७ ।
4.अरंड का तेल फायदेमंद :
एक शोध के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को कब्ज की समस्या हैं जिसकी वजह से वो बहुत परेशान और चिड़चिड़ा रहता है तो उसको रात को सोने से पहले अरंड के तेल की २ से ३ बूंदों को १ गिलास देसी गाय के गुनगुने दूध में मिलाकर पीने से सुबह पेट अच्छे से साफ हो जाता है ।इस प्रयोग का रोजाना सेवन आपको कब्ज की समस्या से दूर रखने में मददगार साबित होता है ।इस प्रयोग का नियमित सेवन पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखता है ।
5.अलसी का सेवन लाभकारी :
आयुर्वेद के अनुसार अलसी का रोजाना सेवन कब्ज को दूर करने में मददगार साबित होता है ।अलसी के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो भोजन को पचाने में सहायक साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको १ गिलास पानी के अंदर १ चम्मच अलसी बीज के चूर्ण को अच्छे से मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से आपका पेट अच्छे से साफ हो जाता है और कब्ज की समस्या नहीं होती।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार इस प्रयोग का रोजाना सेवन करने से आपका मल त्याग अच्छे से होता है और आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है ।
व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि अलसी मधुर ,स्निग्धा ,शक्तिवर्धक औषधि,उत्तेजना बढ़ाने वाला ,वात,पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने वाला होता है और कुष्ठ रोगों को दूर करने वाला होता है ।
संदर्भ – धन्वंतरि निघण्टु ,(सतपुष्पादिवर्ग ),श्लोक -१०३ ।
6.बहेड़ा का सेवन मददगार :
एक शोध के अनुसार कब्ज की समस्या को दूर करने में बहेड़ा लाभकारी औषधि साबित होता है ।यह पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने में असरदार साबित होता है ।आयुर्वेद के अनुसार बिभीतकी या बहेडा त्रिफला के तीन फलों में से एक महत्वपूर्ण फल है।अगर कब्ज की समस्या से ग्रसित व्यक्ति सुबह खाली पेट १ चम्मच बहेड़ा चूर्ण को १ गिलास गुनगुने पानी के साथ रोजाना सेवन करते है तो वह इस हानिकारक समस्या से बचा रहता है ।पाचन क्रिया को मजबूत रखने के अलावा यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है
व्याख्या– इस श्लोक में कहा गया है कि बहेड़ा मधुर विपाक वाला ,कषाय रसयुक्त ,कफ और पित्त को संतुलित रखने वाला ,उष्णवीर्य ,शीतस्पर्श ,मल का भेदन करने वाला ,कास का नाशक ,रुक्ष ,नेत्र तथा बालों के लिए हितकारी ,कृमि तथा स्वर भेद को दूर करने वाला ,बहेड़ा मींगी -प्यास ,वमन और कफ एवं वायु का नाश करने वाली ,लघुपाकी,कषाय रसयुक्त एवं मड़कारक होती है ।आयुर्वेद के अनुसार आँवलें कि मिंगी के भी यही गुण होते हैं ।
संदर्भ– भावप्रकाश निघण्टु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -३६-३७ ।
7.अंगूर का सेवन उपयोगी :
अगर कोई व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है तो उसको अंगूर बीज के चूर्ण का सेवन करना लाभकारी होता है ।आयुर्वेद के अनुसार अंगूर के अंदर फाइबर भरपूर पाया जाता है जो भोजन को पचाने में मददगार साबित होता है ।कब्ज की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को रात को सोने से पहले १ चम्मच अंगूर बीज के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ रोजाना सेवन करने से पाचन क्रिया अच्छी बनी रहती है और आप कब्ज की समस्या से बचे रह सकते हैं ।

Dr. Vikram Chauhan

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